Broken Heart Love Shayari
For such broken hearts, we have presented here some of the best Sad Shayari that express their feelings.
We should not let the sad feelings and emotions stay in our hearts and should express them. And these wonderful sad Shayari can help you to do that.
You can share them on social media as well and set them as your WhatsApp status or DP.
Ye Moti Hai Kahi Inko Yoon Mitti Main Giraate Hai
हथेली मैं छुपाती हूँ तेरे आंसू का हर कतरा
ये मोती है कही इनको यूं मिटटी मैं गिराते है
These are pearls, where they drop in the soil
आइना अपना हमें कहते थे जो
वो हक़ीक़त देख के क्यों डर गए
थे मुक़द्दर मानते अपना हमें
आज़माया तो किनारा कर गए
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Aaina Apna Hame Kahte The Jo
अब वो जीने का सामान होने लगी
सब मेरे शहर की महफिल रोशन
उनके जाते ही वीरान होने लगी
Aarzuyen Dabi Jo Rahi Umr Bhar
जब साथ नहीं तुम तो मह्सूस ये हुआ
हम जिस पर चल रहे है लम्बा वो रास्ता है
अरसा हुआ जिसे मैं भूल चूका हु
आज कैसे वो शख्स, किस्से मैं आ गया है
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Jab Sath Nahi Tum To Mahsus Ye Hua
बोले न कुछ वो कभी मैंने न कुछ कहा है
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Khamosh Sa hai Rishta Bas Beech Mai Hamare
मेरे खुदा बतला ज़रा
जब चल रहे थे साथ हम
क्यों बीच में फासला बढ़ा
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Kab Tak Ladoon Taqdeer Se
दीप चुपके से जलाता कौन है
पी गए जो प्रेम से उसने दिया
ज़हर को यूँ मुँह लगाता कौन है
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Teergi Jab Bhi Gumo Ki Gherti
मगर हारे सदा रौशनी से
Andheron Se Hamesha Jung Jeeti
Dil Shayari |
ये जो गमो की शाम है
ये शाम अखिरी है
यूं भर के अखिया
टपकते जो आंसू
वो कहते है, पीलो ये जाम आखिरी है
सफर आख़िरी है
क़दम दो मिला लो
खुदा का दिया इंतज़ाम आखिरी है
तड़पते रहे पर
सुकून था की इतना
गम ए ज़िंदगी का इनाम आखिरी है.
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Ye jo gamo ki sham hai
Ye sham akhiri hai
Yu bhar ke akhiya
tapakte jo aansu
Wo kahte hai, pilo ye jaam akhiri hai
Safar akhiri hai
Qadam do mila lo
Khuda ka diya intezaam akhiri hai
Tadapte rahe par
Sukoon tha ki itna
Game zindgi ka inaam akhiri hai.
Chahat Sad Shayari |
वो शुमार था मेरी दुआओं का
उसे किसने अपना बना लिया
वो शुमार था…………………..!
मेरी आँख किसने उजाड़ दी
मेरा ख्वाब किसने चुरा लिया
तुझे क्या बताये की
दिलनशी तेरे इश्क़ में
तेरी याद में कभी
गुफ्तगू रही फूल से
कभी चाँद छत पे बुला लिया
मेरी जंग की वही जीत थी
वही फ़तेह थी
वही जश्न था
मई गिरा हो तो दाऊद के उसने
मुझे बाज़ुओ में उठा लिया
मेरी चाँद छूने की हसरते
मेरी खुशबू होने की ख्वाहिशे
तू मिला तो ऐसा लगा सनम..
मुझे जो तलब थी वो लिया
Wo shumaar tha meri duaao ka
Use kisne apna bana liya
Wo shumaar tha…………………..
Meri aankh kisne ujad di
Mera khwab kisne chura liya
Tujhe kya bataye ki
Dilnashi tere ishq me
Teri yaad me kabhi
Guftgoo rahi phool se
Kabhi chand chhat pe bula liya
Meri jang ki wahi jeet thi
Wahi fateh thi
Wahi jashn tha
Mai gira hu to daud ke usne
Mujhe bazuo me utha liya
Meri chand chhune ki hasrate
Meri khushboo hone ki khwahishe
Tu mila to esa laga sanam..
Mujhe jo talab thi vo liya
Khafa Sad Shayari |
सुनो देखो आज कितनी उदासी है
हवा भी थम सी गयी है
हर तरफ एक उदासी का आलम है
पत्तो की सरसराहट से कोई इस
ख़ामोशी को चीर रहा है
कुछ तोड़ रहा है
परिंदों की चहचहाट भी
एक अजब सा एहसास दिला रही है
जैसे कोई बिछड़ने वाला हो
जैसे कोई टूटने वाला हो
और मेरे क़दम है की
जैसे जम से गए है.
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Suno dekho aaj kitni udaasi hai
Hawa bhi tham si gayi hai
Har taraf ek udaasi ka alam hai
Patto ki sarsarahat se koi is
Khamoshi ko chir raha hai
Kuchh tod raha hai
Parindo ki chahchahat bhi
Ek ajab sa ehsaas dila rahi hai
Jese koi bichhadne wala ho
Jese koi tutne wala ho
Aur mere qadam hai ki
Jese jam se gaye hai.
Sad Heartbroken Shayari |
वो लोग मेरे बहुत प्यार करने वाले थे
गुज़र गए जो मौसम गुजरने वाले थे
नयी ऋतु में दुःखो के भी सिलसिलए है नए
वो ज़ख्म ताज़ा हुए जो भरने वाले थे
ये किस मुकाम पे सूझी तुझे बिछड़ने की
की अब तो कही जा के दिन सवारने वाले थे
तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
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Wo log mere bahut pyar karne wale the
Guzar gaye jo mausam guzarne wale the
Nayi rutoon me dukho ke bhi silsile hai naye
Vo zakhm taza huye jo bharne wale the
Ye kis Mukaam pe sujhi tujhe bichhadne ki
Ki ab to kahi ja ke din sawarne wale the
Tamam raat nahaya tha shehar barish me
Wo rang utar hi gaye jo utarne wale the
अब लिखने को क्या बाक़ी है
एक दिल था जो टूट गया
अब लूटने को क्या बाक़ी है
एक शख्स जिसको हमने चाहा था
एक रेत जिस पे हमने
एक नक्शा बनाया था
इन रेत के जर्रे को फिर हमने
अपने दिल में सजाया था
वो रेत तो न जाने कब की
बिखर गयी
वो नक्शा न जाने
कहा पर है
अब क्या लिखें हम कागज़ पर
अब लिखने को क्या बाक़ी है
हम जिनको अपनी नज़रों का
उन्वा बनाया करते थे
लफ़्ज़ों का बना कर ताजमहल
कागज़ पर सजाया करते थे
वो तो हमें अकेला छोड़ गए
सब रिश्तों से मुँह मोड़ गए
अब रिश्ते सारे सुने है
वो पैर कहा अब बाक़ी है
अब क्या लिखें हम कागज़ पर
अब लिखने को क्या बाक़ी है
आज वर्षो के बाद देखा है
अब भी आँखों का रंग गहरा है
और माथे की ये सांवली सी लकीर
दिल में कितने दीये जलाती है
तेरे साये की खुशबू
गुफ्तगू में बहार का मौसम
बेसबब एतबार का मौसम
क्यों मुझे सारे जहाँ की याद आये
कितना हैरान हो गया हूँ खुद पर
मै तुझे आज तक नहीं भूला
पिछले मौसम की याद बाकी है
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Ab kya likhe ham kagaz par
Ab likhne ko kya baqi hai
Ek dil tha jo toot gaya
Ab lutne ko kya baqi hai
Ek shakhsh jisko hamne chaha tha
Ek ret jis pe hamne
Ek naksha banaya tha
In ret ke zarro ko fir hamne
Apne dil me sajaya tha
Wo ret to na jane kab ki
Bikhar gayi
Wo naksha na jane
kaha par hai
Ab kya likhe ham kagaz par
Ab likhne ko kya baqi hai
Ham jinko Apni nazro ka
Unva banaya karte the
Lafzo ka bana kar tajmahal
Kagaz par sajaya karte the
Wo to hame akela chhod gaye
Sab rishto se muh mod gaye
Ab rishte saare sune hai
Wo payr kaha ab baqi hai
Ab kya likhe ham kagaz par
Ab likhne ko kya baqi hai
Aj varsho ke baad Dekha hai
Ab bhi aankho ka rang gehra hai
Aur mathe ki ye sanwali si lakir
Dil me kitne diye jalati hai
Tere saye ki khushboo
Guftgoo me bahaar ka mausam
Besabab etbaar ka mausam
Kyu mujhe sare jaha ki yaad aye
Kitna hairan ho gaya hu khud par
Mai tujhe aj tak nahi bhoola
Pichhle mausam ki yaad baqi hai
अभी तो फूल खिलने थे
अभी तो रात ढलनी थी
अभी तो ज़ख्म सिलने थे
अभी तो सर ज़मीं-इ-जान
पर एक बादल का घिरना था
अभी तो वज़ल की बारिश में
नंगे पाँव चलना था
अभी तो किश्तिया-इ-गम में
ख़ुशी का ख्वाब बुना था
अभी तो सैकड़ो सोची हुई
बातों को रोना था
अभी तो साहिलो पे एक
मुशायरा चलना था
अभी जो चल रहा था ये
कुछ दिन बाद चलना था
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Roothna Shayari |
महफ़िल में भी हो जाती है तन्हाई
जब दिल किसी का टूट जाता है
घिर जाता है वो गम के साये में
जब किसी का रूठ जाता है
दुआ करो आज उसके लिए
दुआ करता है जो
औरों की खुशियों के लिए
वो ही अपनी दुनिया से दूर चला जाता है.
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Mehfil me bhi ho jati hai tanhayi
Jab dil kisi ka toot jata hai
ghir jata hai vo gam ke saye me
Jab kisi ka rooth jata hai
Dua karo aaj uske liye
Dua Karta hai jo
auro ki khushiyo ke liye
Wo hi apni duniya se door chala jata hai.
Raahon Main |
शाम होने से पहले लौट आना
किसी के नाम होने से पहले लौट आना
हम तेरे इंतज़ार में है
अनजान होने से पहले लौट आना
सुबह शाम रहेगी तेरे दीदार की उम्मीद
दिन का इख़्तिताम होने से पहले लौट आना
अगर न लौट पाऊं तो इतना कर देना
मेरी आखिरी सांस होने से पहले लौट आना
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Sham hone se pahle laut aana
Kisi ke naam hone se pahle laut aana
Ham tere intzaar me hai
Anjaan hone se pahle laut aana
Subah sham rahegi tere didar ki ummid
Din ka ikhtitaam hone se pahle laut aana
Agar na laut pao to itna kar dena
Meri akhiri saans hone se pahle laut aana
Dil Chahta Hai |
हमें जब खबर होती है की
जाने वाले कभी लौट कर नहीं आते
फिर भी हम उन पे एतबार क्यों करते है
उन्हें अपने इतने क़रीब क्यों करते है
और
उनकी महक को कभी भुला क्यों
नहीं पाते……
और उनकी यादें एक चुभन
बैंकके रहती है दिल में
जिनको हम कभी फ़रामोश
नहीं कर पाते
हमें जब खबर होती है
की जाने वाले…
कभी लौट कर नहीं आते
फिर भी हम उनसे मोहब्बत
क्यों करते है…
फिर भी हम उनसे मोहब्बत
क्यों करते है…!!!!
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Hame jab khabar hoti hai ki
Jane wale kabhi laut kar nahi aate
Fir bhi ham un pe etbaar kyo karte hai
Unhe apne itne qarib kyo karte hai
Aur
Unki mahek ko kabhi bhula kyo
Nahi pate……
Aur unki yaade ek chhubhan
bankke rehti hai dil me
Jinko ham kabhi faramosh
nahi kar pate
Hame jab khabar hoti hai
Ki jane wale..
Kabhi laut kar nahi aate
Fir bhi ham unse mohabbat
Kyo karte hai….
Fir bhi ham unse mohabbat
Kyo karte hai…!!!!
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मई गमो से चूर जब टूटती रहती हू
तेरी झील सी गहरी आँखों में डूबती रहती हू
भवर में जाती हूं तो,
पानी उछाल देता है..
कही तारीख मौत की…
यु ही ढूंढती रहती हू.
किस्मत की लकीर को देखकर
उसे रात-रात भर
हथेली पे लिख के नाम
उसे चूमती रहती हू
वो चला गया न देखा मुद के…
न ही कुछ कहा
मै उसकी ख़ामोशी को…
क्या-क्या समझाती रहती हू.
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Mai gamo se choor jab tootti rehti hu
Teri jhil si gehri aankho me dubti rehti hu
Bhawar me jati hu to,
Pani uchhal deta hai..
Kahi tarikh maut ki…
yu hi dhudhti rehti hu.
Qismat ki lakeer ko dekhkar
Use raat-raat bhar
Hatheli pe likh ke naam
Use chumti rehti hu
Wo chala gaya na dekha mud ke…
Na hi kuchh kaha
Mai uski khamoshi ko….
Kya-kya samjhati rehti hu.