Best nirdayi Quotes, Status, Shayari, Poetry & Thoughts

निर्दयी Quotes

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हम इंसान है साहब

सच में हम इतनी हद तक निर्दयी हो सकते है ।

हमे लोगो के कटे सर देख के कोइ फर्क नहीं पडता

तो पेड़ो की कटी टहनियाँ देख क्या खाक रोयेगें ।

हम इंसान है साहब

सच में हम…

हम लोगो को पोइज़न दे के नहीं प्यासा रखकर ही मार देते है

समंदर को सूखता देख हम क्या खाक रोयेगें ।

हम इंसान है साहब

सच में हम…

हम लोगो को जिंदा अपने हाथो से जला देते है

पृथ्वी को जलता देख क्या खाक रोयेगें ।

हम सच मे इंसान ही है साहब

सच में हम इतनी हद तक निर्दयी है !



इतना निर्दयी कैसे सजन हो गया !
दर्द सहना बहुत ही कठिन हो गया

देख कर के भी अनदेखा करता गया

मरहम ना हुआ वो नमक हो गया



ज्ञान को, पाखंड का बहुत विस्तार हैं.
शक्ति को, छल के पास हथियार हैं

धर्म को, राक्षसों का हाहाकार है

देश को, मीडिया अपरम्पार है

स्वयं को; भीड़ निर्दयी, व्यवस्था लाचार है



इस निर्दयी दुनिया में,
काश कोई ऐसा हो

जो मेंरे आंसू पोछकर मुझे हंसाए,

काश कोई ऐसा हो,

जो मेरे जीने की वजह बन जाएं..!!

इस मतलबी दुनिया में काश कोई ऐसा हो

जिसके लिए प्यार के मायने बहुत हो।

जिसे प्यार की कद्र हो..!!



तेरी आशिकी में चुर हम
खुदा की इनायत के आगे मजबुर हम

इन मोहोब्बत की राहों में वो ज़लिम हुर तुम

फिर भी हमारी आंखों का नूर तुम



राही बहुत है
इन राहों के ये मेरे हमसफ़र

किन्तु

हमसफ़र कोई नही

इन सफ़रो का

जब तुम ही नही चलना चाहते सफर में साथ मेरे हमसफर

बेवजह करते है इन्तेजार तेरा

अब तुम राही से हमसफर बन जाओगे

पर हर बार छोड़ देते हो बीच रास्ते मे

तोड़ के दिल, छोड़ के हाथ नही देते तुम साथ

ये मेरे हमसफर इन राहों के

क्या मेरे हृदयस्पन्दन में कोई कमी है

किन्चित नही, पर फिर भी तुम्हे ये साथ,

मेरा हाथ, मेरे जज्बात ,अब पसंद क्यो नही

ओ मेरे निर्दयी सजन………!!



Best निर्दयी Quotes Status, Shayari, Poetry


अपने को समझना जरूरी है,
अपनो से दूर चले जाना मजबूरी है।

क्या करें खुदा की यहीं दस्तूर है,

अपने को न रोक पाने से मजबूर है।

आंखों से मोती जैसे आंसू निकलते हैं,

जनाजे पर सर पटक-पटक के रोते हैं।

जिनकी जितनी लगाव होती है,

वो उतने हीं बेचैनी में होते हैं।

खोने का गम सब को है मगर,

कुछ लोग फिर भी चैन से सोते हैं।

निर्दयी, निर्मोही सब नतमस्तक होते हैं,

बुरे वक्त में सिर्फ दिखावे की दस्तक देते हैं।
कुछ बोलने के मौके पर सब मौन खड़े होते हैं,

मौत पर मातम मना कर दाव-पेच खेलते हैं।




Best निर्दयी Quotes


जो दिखाया उस बेवफा ने सपना हम हक़ीक़त समझ बैठे ।
देखो आज छोड़ दिया हमें उसने एक गैर के लिए,

जिससे हम अपना हमसफर समझ बैठे ।


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