Kahi sab Doob Jata Hai Kahi Khaliyan Sukhi hain
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अजब इन बारिशों के देखिये क्या खेल होते हैंकही सब डूब जाता है कही खलियाँ सूखी हैं
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Sawan Ki Barssat Ka Kya Karu
Dil Ki tapish Ka Kya Karu
Kahan Waqt Ka Dariya Kya Janu
Dil Pe Hua Kisi Ka Asar
Bolo Ab Uss Asar Ka Kya Karu
Mausam-e-ishq hai too ek kahaani ban ke aa,
mere rooh ko bhigo den jo too wo paani ban ke aa!
मौसम–ए–इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ!
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Aye badal itna baras ki nafrate dhul jaye,
Insaniyat taras gayee hai pyaar paane ke liye..!!
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!
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Suna hai bahut barish hai tumhare shaher me,
Zyada bheegna mat..
Agar dhul gayi sari galatfehmiyan,
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत..
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम!!
Es barish ke mausam mein ajeeb si kashish hai,
Na chahte huye bhi koyi shiddat se yaad aata hai.
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है!
Unki yaadon ke bunde barsi jo phir se,
Zindagi ki mitti mahkane lagi hai.
उनकी यादों की बूँदें बरसी जो फिर से,
जिन्दगी की मिट्टी महकने लगी है।
Kaisi beeti raat kisi se mat kahena,
Sapno wali baat kisi se mat kahena,
Kaise uthe badal aur kahan jaakar takraye,
Kaisi hui barsaat kisi se mat kahena!
कैसी बीती रात किसी से मत कहना,
सपनो वाली बात किसी से मत कहना,
कैसे उठे बादल और कहां जाकर टकराए,
कैसी हुई बरसात किसी से मत कहना!
Kal uski Yaad poori Raat aati rahi,
Hum jaage paari Duniya soti rahi,
Aasman main bijali paari Raat hoti rahi,
कल उसकी याद पूरी रात आती रही,
हम जागे पूरी दुनिया सोती रही,
आसमान में बिजली पूरी रात होती रही,
बस एक बारिश थी जो मेरे साथ रोती रही!
Puchhte The Na Kitna Hai Tumhe Pyar Humse,
Lo Ab Gin Lo… Barish Ki Ye Boonden.
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हम से,
लो अब गिन लो… बारिश की ये बूँदें।
Barish Me Aaj Bheeg Jaane Do.
Bundo Ko Aaj Baras Jane Do.
Na Roko Yu Khud Ko Aaj,
Bheeg Jane Do Is Dil Ko Aaj.
बारिश में आज भीग जाने दो,
बूंदों को आज बरस जाने दो,
न रोको यूँ खुद को आज,
भीग जाने दो इस दिल को आज।
Tumko Barish Pasand Hai Mujhe Barish Me Tum,
Tumko Hansna Pasand Hai Mujhe Haste Hue Tum,
Tumko Bolna Pasand Hai Mujhe Bolte Huye Tum,
तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुमको हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुमको बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
Kahin Fisal Na Jaun Tere Khayalo Me Chalte Chalte,
Apni Yaadon Ko Roko Mere Shahar Me Barish Ho Rahi Hai.
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
Kash Koi Is Tarah Bhi Wakif Ho
Meri Zindagi Se,
Ki Main Barish Me Bhi Roun Aur
काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो
मेरी जिंदगी से,
कि मैं बारिश में भी रोऊँ और
वो मेरे आँसू पढ़ ले।
Ab Kaun Ghatao Ko Ghumadane Se Rok Payega,
अब कौन घटाअों को, घुमड़ने से रोक पायेगा,
ज़ुल्फ़ जो खुल गयी तेरी, लगता है सावन आयेगा.
Jara Thaharo Barish Tham Jaye To Fir Chali Jana,
Kisi Ka Tujhe Chhu Lena
Mujhe Achchha Nahi Lagata..
ज़रा ठहरो , बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता.
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Aaj Ayi Barish To Yad Aaya Jamana,
Vo Tera Chat Pe Rahhna Aur Mera Sadko Pe Nahna.
आज आई बारिश तो याद आया वो जमाना,
वो तेरा छत पे रहना और मेरा सडको पे नहाना.
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Sene Me Samundar Ke lave Sa Sulagta Hun,
Me Teri Enayat Ki Barish Ko Trasta Hun.
सीने में समुन्दर के लावे सा सुलगता हूँ,
मैं तेरी इनायत की बारिश को तरसता हूँ.
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Barsat Ka Badal To Devana Hai Kya Jane,
Kis Rah Se Bachna Hai Kis Chat Ko Bhigona Hai
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है.
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Khush naseeb hote hain badal,
Jo dur rehkar bhi zameen par baraste hain,
Aur ek badnaseeb hum hain,
Jo ek hi duniya mei rehkar bhi.. Milne ko taraste hain.
खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी.. मिलने को तरसते हैं.