केदारनाथ अग्रवाल

Kedarnath Agrawal Poetry
Kedarnath Agrawal Poetry

ओस-बूंद कहती है लिख दूं

नव-गुलाब पर मन की बात।

कवि कहता है मैं भी लिख दूं

प्रिय शब्दों में मन की बात।

ओस-बूंद लिख सकी नहीं कुछ

नव-गुलाब हो गया मलीन।

पर कवि ने लिख दिया ओस से

नव-गुलाब पर काव्य नवीन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *